: खबर को लेकर सौदेबाजी सबसे आगे निकल गया न्यूज इंडिया 24x7 : चैनल के यूपी हेड व ब्यूरो प्रमुख ने 2 लाख की दलाली के चक्कर में पत्रकारिता को कर डाला शर्मसार : आइये, पहचानने की कोशिश कीजिए टीवी चैनलों के बड़े दलालों को : पत्रकारिता के कुकुरमुत्ते -दो :
हैदर अली
महराजगंज : आज हम किसी और की नहीं, बल्कि अपना ही बात आप लोगों के समक्ष रख रहा हूं कि मैं किस तरह से लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ की दुनिया में आम पत्रकार तबाह हो जाता है। खुद को बड़ा कहलाने-साबित करने वाले और खुद को दिग्गज पत्रकार कहलाने वाले लोग किस तरह जिला-मंडल में पत्रकारिता में अपना भविष्य खोजने निकलते हैं, लेकिन बदले में उन्हें मिलता है अपमान, घृणा, निराशा और अवसाद। कई के साथ तो ऐसी प्रताड़ना होती है, जहां उनका जीवन ही खत्म होने की कगार तक पहुंच जाता है।
मैं खुद हो चुका हूं दलाली-ब्लैकमेलिंग के बड़े मगरमच्छों का शिकार। खबरों के मध्य से बड़े-भयावह शोषण से छात्रों को निज़ात दिलाने चला था मैं, लेकिन इस चौथे स्तंभ की दुनिया ने मुझसे सब कुछ छीन लिया। कॉलेज से भी निकाला गया मैं। एग्ज़ाम देने के लिए प्रवेश पत्र तक नही मिली , मेरी BSC सेकेंड इयर की परीक्षा छूट गयी। तब भी मैं निराश नही हुआ। इस उम्मीद में कि छात्रों को शोषण से निजात मिल जाएगी और फीस काम हो जाएगी। और इस तरह मेरा एक बरस का भविष्य खराब हो जाने के बदले में सैकड़ों ग़रीब बच्चे आसानी से पढ़ाई कर लेंगे। लेकिन हमे इस बात की अंदाज नही थी कि हमारे यूपी हेड 2 लाख में बिक जाएंगे और वे इस तरह मेरे भविष्य का गला भी अपने ही हाथों से घोट देंगे।
यूपी का नेपाल से सटा जिला है महराजगंज। मैं इसी न्यूज इंडिया 24x7 चैनल में जिला संवाददाता बनाया गया था। लेकिन बहुत जल्दी ही मुझे पता चल गया कि मैं अपने चैनल के दलालों-ब्लैकमेलरों की साजिशों का शिकार हो गया हूं। और शिकार होने के बाद एक नई खुलासे की पता चल पाया है। मुझै न्यूज इंडिया 24x7 के ब्यूरो चीफ रवींद्र तिवारी और मनोज सिंह ने बताया कि अगर मुझे जीवन में बहुत ऊंचाइयों तक पहुंचाने की लालसा है, तो मुझे ठीक उसी तरह की रिपोर्टिंग करने अपनी धाक जमानी होगी, जैसे कोबरा पोस्ट वाले पत्रकार करते हैं।
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इस तरह की मौखिक ट्रेनिंगनुमा प्रेरक बातचीत के बाद हैदर ने तय किया था कि वह किसी के सामने झुकेगा नहीं, बल्कि कोबरा पोस्ट की तरह की पत्रकारिता की राह पर पत्रकारिता के डंके बजायेगा। जोश में लबरेज हैदर में हौसला था, इसीलिए उसने एक के बाद एक अब एक नये-नये खुलासे करना शुरू कर दिया।
हैदर बताते हैं कि इसके बावजूद संवाददाता के यूपी हेड ने अपने ही चैनल के संवाददाता की जान का सौदा दो लाख रुपयों में कर डाला। यह हैदर अली की आंसुओं से डूबी आत्मगाथा है, जिसे हैदर ने तब लिखा जब उसे लगा कि ऐसे पत्रकारों के नाम पर कलंक लोग केवल उसे ही नहीं, बल्कि पूरी पत्रकारिता को ही बेच कर उसे कलंकित कर देंगे। अगले अंक में आप पढ़ेंगे किस तरह इस चैनल के ब्यूरो चीफ और चैनल हेड ने अपने ही जिला संवाददाता के साथ धोखा किया, किस तरह खबर को दबाने के लिए मोटी रकम बाजार से उगाहीं। इस काले धंधे में चैनल के स्टेट हेड मनोज सिंह और ब्यूरो चीफ रवींद्र तिवारी के नाम का खुलासा हो रहा है। (क्रमश:)
यूपी ही नहीं, बल्कि देश के हिन्दी भाषा-भाषी क्षेत्रों में इस तरह की धोखाधड़ी इधर कुकुरमुत्तों की तरह हैं। राजस्थान, यूपी उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड, दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में अपनी जमीन जमाये लोगों और उनके चेनलों ने हजारों प्रतिभाओं की हत्या की बेहद खतरनाक साजिश संचालित कर रखी है। इसके संभावित शिकार किसी जंगली खूंख्वार जानवर से कम नहीं हैं। हम ऐसे लोगों की करतूतों का खुलासा करने जा रहे हैं। आपको अगर ऐसे लोगों के प्रति कोई भी जानकारी हो तो हम तक भी शेयर कीजिएगा।
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पोतड़ेदार पत्रकारों। आईडी मत खरीदना, धोखा होगा
