: आईएएम की आगरा जिला अध्यक्ष डॉ निर्मल चोपड़ा कन्या भ्रूण-हत्या में रंगेहाथों गिरफ्तार : पश्चिम उप्र में एक बड़ा उद्योग बन चुका है लिंग-परीक्षण और कन्या भ्रूण-हत्या : कई बार दबोची जा चुकी है निर्मल चोपड़ा, तीन अन्य लोग भी जेल भेजे गये :
कुमार सौवीर
लखनऊ : कन्या लिंग-परीक्षण और भ्रूण-हत्या पर संवेदनशीलता और सक्रियता केवल वक्त-वक्त की बात ही नहीं, जगह-जगह की बात पर निर्भर करती है। एक ही घटना को आगरा के जिलाधिकारी ने कानून, अपने राज्य, जिले और अपने नागरिकों के लिए बेहद अहम माना, और उस पर सर्वोच्च प्राथमिकता पर कार्रवाई करते हुए जिले की नामचीन डॉक्टर समेत चार लोगों को पकड़ कर जेल भेज दिया।
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पकड़े गये डॉक्टरों में शहर की नामचीन डॉक्टर और आईएमए की आगरा शाखा की पूर्व अध्यक्ष है। डॉ चोपड़ा सहित सभी पकड़े गये चारों लोगों को कन्या भ्रूण-लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस और आगरा जिला प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संयुक्त छापेमारी के तहत की ओर सभी अभियुक्तों को रंगेहाथ धर दबोचा।
सूत्रों के अनुसार इस कार्रवाई के लिए आगरा के जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की भी मदद ली गई थी। घटना क्रम के अनुसार एक दलाल तनीषा शर्मा के बारे में भरतपुर जिला प्रशासन को अपने मुखबिर से लिंग जांच करवाने की जानकारी मिल रही थी। भरतपुर के डीएम ने आगरा के डीएम को इस बारे में सारी जानकारी साझा की। प्रशासन की मदद से वह दलाल गर्भवती महिला को लिंग जांच के लिए भरतपुर से दलाल फतेहपुर सीकरी के रास्ते आगरा लेकर गया। और उस महिला को डॉक्टर चोपड़ा के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया।
मिली खबरों के अनुसार इस महिला की जांच नर्सिंग होम में सोनोग्राफी के द्वारा की गयी। जांच के बाद डॉक्टर ने महिला के गर्भस्थ लिंग की जांच के बाद मिली जानकारियों का खुलासा कर दिया। प्रशासन की नजर लगातार इस महिला, उस नर्सिंग होम और डॉ चोपड़ा की गतिविधियों पर थी। टीम ने इशारा पाकर दबिश दी, और डॉ. निर्मल चोपड़ा सहित तीनों दलालों को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। बाद में पुलिस ने केस दर्ज करते हुए इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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बता दें, कि आईएमए की पूर्व अध्यक्ष डॉ. निर्मल चोपड़ा पर इससे पहले भी लिंग परीक्षण के कई मुकदमे चल चुके हैं, लेकिन अपने स्थानीय रसूख और आईएएम की पदाधिकारी होने की धमक की वजह से उन पर प्रशासन हाथ डालने से बच रहा था।
लेकिन ऐसा नहीं है कि आगरा जिला प्रशासन की ही तरह कन्या भ्रूण परीक्षण को लेकर सभी जिलों का प्रशासन सतर्क और जागरूक है। कई जिलों के डीएम इस मामले में अपनी आंखें मूंदे ही रखते हैं। आपको याद होगा कि करीब तीन महीना पहले ही जौनपुर में कन्या भ्रूण परीक्षण के एक प्रकरण में प्रमुख न्यूज पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम ने खबर प्रकाशित की थी। खुद पर हमले के अंदेशे के बावजूद हमने छापा था कि जौनपुर के एक पतरही कस्बे में एक महिला का अबार्शन किया जाने की तैयारी की जा रही है। लेकिन प्रशासन ने चार घण्टों पहले खबर मिलने के बावजूद अपने खर्राटे नहीं तोड़े। हमने जौनपुर के डीएम सर्वज्ञराम मिश्र को कई बार फोन करके इस बारे में देने की कोशिश की, लेकिन हर बार उनके स्टॉफ के बताने के बावजूद न तो डीएम ने हमसे बात की, और न ही कोई कार्रवाई ही की। नतीजा यह हुआ कि उस गर्भस्थ कन्या-भ्रूण को दुनिया में आने से पहले ही दुनिया से पूरी नृशंसता और जघन्यता के साथ विदा कर दिया गया।