: साफ-साफ सवाल है, जवाब भी साफ-साफ ही दीजिए : शिव-उपासना में शक्ति को अनिवार्य रूप से सम्मलित किये अनुष्ठान असम्भव : ऐसा न हुआ तो शव तो मिलेगा, शिव का दर्शन असम्भव :
कुमार सौवीर
लखनऊ : हमारे साथी विजय भल्ला ने एक बढिया बात कही है। वे SAVE DAUGHTER SAVE NATION का नारा उछालते हैं। साथ ही यह भी जोडते हैं कि आज सब को प्रण लेना चाहिए कि:-,बेटी की रक्षा करेगे, भ्रूण-हत्या नहीं करेंगे।
वाह-वाह। क्या बात कही है विजय भल्ला ने।
चलिए, तो आज यह संकल्प ले ही लिया जाए कि अब हम सब शिव को शिव ही रहने देंगे, शिव से शक्ति से अलग नहीं करेंगे। क्योंकि अगर शिव से शक्ति को निकाल दिया गया तो केवल शव ही बचेगा, शिव तो हर्गिज नहीं मिल पायेंगे हमें। और जो बचेगा, वह होगा सिर्फ:- बाबा जी का घण्टा।
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तो अब आप बताइये ना कि आपको क्या चाहिए:- अर्द्धनारीश्वर वाला निराला मलंग, अघोरी, महादेव, बम-बम, रूद्र, देवाधिदेव, नीलकण्ठ, भोलेनाथ, त्रिपुण्ड, लोकनाथ, काल-स्वरूप, शांति का प्रतीक, गंगाधर, सर्पधारी शिव या फिर सिर्फ बाबा जी का घण्टा।
क्यों दोस्तों। क्या ख्याल है आप सब का।
लेकिन अगर आपको अगर शिव चाहिए तो फिर आपको अपने साथ शक्ति को अनिवार्य रूप से सम्मान करना ही पड़ेगा। शक्ति जो शिव को मजबूत करे, और शिव जो शक्ति को सम्पूर्ण-समर्पण करे। इकतरफा बकवादी मत कीजिए। न औरत को चूतिया बनाये और न मर्द औरत को। एकसाथ एकजुट रह सकते हों तो रहिये। वरना सनातन परम्परा मौजूद है:- बाबा जी का घण्टा।
फिर सोच कर बताइये कि अब आपको क्या चाहिए:- शिव चाहिये, या फिर बाबा जी का घण्टा